एक सपना ही तो है।
तू है तो सुनहरा बहुत, पर ख्वाब ही तो है!
आज नहीं तो कल टूट जाएगा, बस एक काँच सा रिश्ता ही तो है!
ये प्रलय- सा मन में मेरे क्यों उठा है बता जरा,
तू सपनों का हेडक्वाटर नहीं मेरे, बस एक सपना ही तो है।
तू चाँद है मेरा, मगर तेरी चाँदनी बहुत दूर है मुझसे,
मेरे अज़ीज़ तू ख्याल है ख्याल, हकीकत ये है कि ख्याल ही तो है।
तू एक बार दूर से ही सही आवाज़ जरूर देना,
अरे कानों! सुन लो-सुन लो,
जिसको सुन के भाग ना सकोगे, ये आवाज़ वही तो है।
बहुत सुनहरा सफर है तेरा उत्कर्ष मार्ग है,
मैं कौंन हूँ ? क्या करूँगा? ये सवाल! सवाल ही तो है।
मेरे अज़ीज़ कहीं दूर चले जाने से रास्ते नहीं बदलेंगे
रास्तों का क्या है नए जुड़ जाएंगे, रास्ते ही तो है।
मैं ख्वाब नहीं देखता वैसे तो मेरे सखा,
मेरे ख़्वाब भी अज़ब है, होंगे क्यों नहीं आखिर ख़्वाब ही तो है।
तू सच में मेरा एक सपना है सपना, टूट ही जायेगा,
क्योंकि तू सपनों का हेडक्वाटर नहीं मेरे, बस एक सपना ही तो है।