एक बहुत ही सुंदर सा खिलौना
कभी बन जाऊंगी मैं भी
मिट्टी पर
अभी तो सोना हूं
अभी हंसना है मुझे
जीना है मुझे
खेलना है मुझे
एक फूल सा खिलना है
मुझे
सुबह जगना है
रात को सोना है
खुद में ही कहीं खोना
खुद में ही खुद को तो
कभी खुदा को पाना है मुझे
दुनिया चाहे मुझे कुछ भी
समझे
परवाह नहीं मुझे
मैं एक जीता जागता
भगवान का बनाया
एक बहुत ही सुंदर सा खिलौना हूं
बस इतना पता है मुझे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001