एक पेड़ की डाल सा हिलाकर
हे प्रभु
जब मैं तुम्हारा ही एक अंश हूं
तो तुम्हें यहां वहां कहां ढूंढती हूं
तुम हो तो मेरे तन में
मन में
कण कण में
याद दिला दिया करो
मुझे एक पेड़ की डाल सा
हिलाकर कि
तुम्हारे ही
पेड़ की डाली पर झूलता
एक फूल हूं मैं
फिर भी
तुम्हारे तन की छाया और
अपने मन की खुशबू
न जाने कहीं और जाकर
कहां ढूंढती हूं मैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001