एक दर्जी
हाथ में सूई लिए
एक दर्जी
कोशिश कर रहा है
सूई में धागा डालने की,
बहुत कपड़े पड़े हुए है
सीने के लिए,
कुछ अमीरों के
कुछ गरीबों के,
दुल्हन की जोड़ें भी हैं
बेवा की सफेद लिबास भी हैं,
मगर हाथ काँप रहा है
नजर भी कमजोर पड़ गया है,
फिर भी कोशिश कर रहा है
जीवन की अंतिम समय में भी
जिन्दगी से लगातार जूझने की,
कुछ दिन और संसार में
अपनी पहचान बनाए रखने की ।