Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2022 · 1 min read

एक तेरी याद मुझे माँ

बन के आंखों में नमी कब नहीं आती।
एक तेरी याद मुझे माँ कब नहीं आती ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
9 Likes · 78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
🌹 वधु बनके🌹
🌹 वधु बनके🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
Sanjay ' शून्य'
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
Dr. Man Mohan Krishna
अधर्म का उत्पात
अधर्म का उत्पात
Dr. Harvinder Singh Bakshi
जीवन की यह झंझावातें
जीवन की यह झंझावातें
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
दरमियाँ
दरमियाँ
Dr. Rajeev Jain
साथ चली किसके भला,
साथ चली किसके भला,
sushil sarna
ऐसे ना मुझे  छोड़ना
ऐसे ना मुझे छोड़ना
Umender kumar
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
Seema Verma
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
जय लगन कुमार हैप्पी
चुनावी घोषणा पत्र
चुनावी घोषणा पत्र
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शासक की कमजोरियों का आकलन
शासक की कमजोरियों का आकलन
Mahender Singh
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
अबला नारी
अबला नारी
Buddha Prakash
"क्या लिखूं क्या लिखूं"
Yogendra Chaturwedi
डायरी भर गई
डायरी भर गई
Dr. Meenakshi Sharma
कितने पन्ने
कितने पन्ने
Satish Srijan
फिर मिलेंगें
फिर मिलेंगें
साहित्य गौरव
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
पूर्वार्थ
महिला दिवस
महिला दिवस
Dr.Pratibha Prakash
उदारता
उदारता
RAKESH RAKESH
अभिमान  करे काया का , काया काँच समान।
अभिमान करे काया का , काया काँच समान।
Anil chobisa
बैसाखी....
बैसाखी....
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
बेगुनाह कोई नहीं है इस दुनिया में...
बेगुनाह कोई नहीं है इस दुनिया में...
Radhakishan R. Mundhra
तन्हा -तन्हा
तन्हा -तन्हा
Surinder blackpen
धरती के सबसे क्रूर जानवर
धरती के सबसे क्रूर जानवर
*Author प्रणय प्रभात*
मुक़ाम क्या और रास्ता क्या है,
मुक़ाम क्या और रास्ता क्या है,
SURYA PRAKASH SHARMA
Loading...