इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
ग़ज़ल
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इक झलक देखी थी हमने वो अदा कुछ और है ।
देख के हमको हुआ उफ़ जो नशा कुछ और है ।।
कर गई बेचैन मुझको आपकी नजरें सनम ।
पास आ जाओ तो हमदम वो दवा कुछ और है ।।
जिंदगी के मोड पर तुम इस तरह मुझको मिले ।
बस हुआ अहसास ऐसा दरमियां कुछ और है ।।
हर क़दम पर जीत होगी मंजिलें मिल जाएंगी ।
साथ देकर जो करें दिल से दुआ कुछ और है ।।
रौनकें महफ़िल हुई थी उनके आने से वहां ।
“ज्योति” उनके शायरी में बस मज़ा कुछ है।।
ज्योटी श्रीवास्तव( jyoti Arun Shrivastava)
अहसास ज्योटी 💞✍️