एक ग़ज़ल लिख रहा हूं।
एक ग़ज़ल लिख रहा हूं।
तेरे संग बीते कुछ पल लिख रहा हूं।।1।।
कुछ ख़्वाब बुन रहा हूं।
इन ख़्वाबों की ताबीर लिख रहा हैं।।2।।
दर्द ए इश्क में रो रहा हूं।
हर गम की मैं तासीर लिख रहा हूं।।3।।
दिले अरमां रख रहा हूं।
सारी ख्वाहिशें इश्क लिख रहा हूं।।4।।
यूं समझना ना अल्फाज़।
ये है दर्द दिल का जो लिख रहा हूं।।5।।
सुन लो कुछ हमारी भी।
टूटे दिल की फरियाद लिख रहा हूं।।6।।
कुछ करम कर दे खुदा।
मैं तुझ को अपने गम लिख रहा हूं।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ