– एक कविता प्रीतम के नाम –
– एक कविता प्रीतम के नाम –
नटखट सा ,नासमझ वो,
निराली उसकी शान है,
मेरा दोस्त जिगरी वो मेरी जान है,
उसकी बात करते हुए आती जो मेरे चेहरे पे मुस्कान है,
जिसके लिए हमेशा हरदम रहता मेरे दिल में सम्मान है,
निर्मल ,निश्चल जिसका व्यवहार है,
जो मेरे लिए हरदम रहता तैयार है,
न होने पर कोई भी काम पर मुझे याद हमेशा जो करता है ,
प्रीतम प्यारा सा वो मेरा जिगरी यार है,
भरत गहलोत करता यह कविता उसके नाम है,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184-