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19 Jan 2022 · 1 min read

एक कदम चल जरा

तू चल तो एक कदम जरा,
पेड़ नहीं तू जो जगह बढा.

ठहर न तू बस एक जगहा.
सड़ जायेगा,ठहरे नीर तरहा.

तू चल तो एक कदम जरा.
बन जायेगा एक दिन कारवां,

ऐसे ना थक हार कर करहा.
उठ खडे हो, दो वक्त टूक खा.

पग पग पर खडी है आपदा.
मस्तिष्क से निकाल,काम जरा.

पुकार ले उसे,जिसे सब है पता.
हुआ है पार वही,जिसे अतापता.

डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस

3 Likes · 4 Comments · 297 Views
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