एक कंचे की सांस सा
मोहब्बत
जहर का एक प्याला है
जिसने पीया
उसे खुद के दिल से दूर चले
जाना है
मरना नहीं है
मौत के झूले में
झूलते झूलते
जीना है
जीना नहीं है
हर कदम पर
बहकते हुए
ठोकर खा खाकर चलना है
जब खुद का चोला छोड़ना है
खुद के दामन से लिपटे लोगों को
अपना दर्द देना है
दर्द के दरिया में
बहना है
खुद डूबना है और
दूसरों को भी डूबोना है
मोहब्बत जहर है
इसे खुद भी पीना है
दूसरों को भी पिलाना है
खुद भी रोना है
दूसरों को रुलाना है
खुद हंसना है
दूसरों को भी हंसाना है
खुद परेशान है
दूसरे को भी करना है
खुद जिन्दगी से खेलना है
दूसरों को भी इस खेल में
शामिल करना है
जिन्दगी को मर मरकर
लुट लुटकर
बर्बाद होकर
जीना है
दूसरों को भी
इस आग में जलाना है
मोहब्बत का जहर पीते
जाना है
इसे न उगलना है
न निगलना है
बस एक कंचे की सांस सा
गले में ही
अटकाये रखना है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001