Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2023 · 1 min read

एक अबोध बालक

एक अबोध बालक
मेरा और तुम्हारा कोई झगड़ा नहीं सच में मेरे दोस्त बस तुम अपनी काबलियत की रोटी खाते रहो और मेंअपनी बस इतनी सी गुज़ारिश है।

312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
सावन मंजूषा
सावन मंजूषा
Arti Bhadauria
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
वाणी और पाणी का उपयोग संभल कर करना चाहिए...
Radhakishan R. Mundhra
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
Aryan Raj
दूसरों की आलोचना
दूसरों की आलोचना
Dr.Rashmi Mishra
थम जाने दे तूफान जिंदगी के
थम जाने दे तूफान जिंदगी के
कवि दीपक बवेजा
कितने कोमे जिंदगी ! ले अब पूर्ण विराम।
कितने कोमे जिंदगी ! ले अब पूर्ण विराम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शर्ट के टूटे बटन से लेकर
शर्ट के टूटे बटन से लेकर
Ranjeet kumar patre
" सुन‌ सको तो सुनों "
Aarti sirsat
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सच तो यही हैं।
सच तो यही हैं।
Neeraj Agarwal
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी
मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हे देवाधिदेव गजानन
हे देवाधिदेव गजानन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
* आ गया बसंत *
* आ गया बसंत *
surenderpal vaidya
होते वो जो हमारे पास ,
होते वो जो हमारे पास ,
श्याम सिंह बिष्ट
बचपन
बचपन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
विकास की जिस सीढ़ी पर
विकास की जिस सीढ़ी पर
Bhupendra Rawat
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/98.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ आज का दोहा
■ आज का दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
चोरबत्ति (मैथिली हायकू)
चोरबत्ति (मैथिली हायकू)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हमे भी इश्क हुआ
हमे भी इश्क हुआ
The_dk_poetry
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
Anand Kumar
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मंहगाई  को वश में जो शासक
मंहगाई को वश में जो शासक
DrLakshman Jha Parimal
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
Gouri tiwari
झूठे सपने
झूठे सपने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...