एकतरफा सारे दुश्मन माफ किये जाऐं
एकतरफा सारे दुश्मन माफ किये जाऐं
सोच रहा हूँ आईने अब साफ किये जाऐं
शिद्दत से बस्तियाँ गुनाहों मे डूब रही हैं
क्यों ना मस्जिदों मे ऐतेकाफ किये जाऐं
मारूफ आलम
एकतरफा सारे दुश्मन माफ किये जाऐं
सोच रहा हूँ आईने अब साफ किये जाऐं
शिद्दत से बस्तियाँ गुनाहों मे डूब रही हैं
क्यों ना मस्जिदों मे ऐतेकाफ किये जाऐं
मारूफ आलम