उस राम जी के चरणो मे मेरा है नमन
रंग है सांवला कान्ति से ओझल ।
सरल स्वभाव ज्ञान है विमल ।
उस राम जी के चरणो मे मेरा है नमन ।
नाम लेने से ही मुक्ति मिल है जाती ।
तेरे लीला को धरा न भांप है पाती ।
तू तो शक्ति का वो विशाल पुंज है ।
आप तो हे प्रभु कृपालु और स्वच्छंद है ।
हनुमान भक्त जी का पुरा है सपन ।
उस राम जी के चरणो मे मेरा है नमन ।
धरा पर लिए अवतार आप इसलिए ।
साधु, संन्यासियो के करतार के लिए ।
दानव को मिटा कर पुरा किया सब वचन है ।
उस राम जी के चरणो मे मेरा नमन है ।
अयोध्या जन्म भूमि स्वर्ग से महान है ।
वसुधैव कुटुंबकम का नारा करता कल्याण है ।
नवधा भक्ति दे सबरी को दिया मोक्ष का ज्ञान है ।
सुग्रीव के लिए आपने दिया अपना सब ध्यान है ।
उस राम जी के चरणो मे मेरा है नमन ।
Rj Anand Prajapati