#उस देस चलें माँ
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★ #उस देस चलें माँ ★
चंदा तारे फूल पत्तियाँ
बादलों के गुब्बारे
दोनों नदी के किनारे
ठाकुर प्यारे प्यारे
गईया और नंदी बाबा
सब हों हमारे
जहाँ सभी पराये हों
कोई अपना न होवे जहाँ
उस देस चलें माँ
चंदा तारे फूल पत्तियाँ. . .
रातों में सूरज खिले
धरती से आकाश मिले
शूल महकें खिले खिले
रेलगाड़ी ताके टुकटुक
छुकछुक गांवनगर चले
हम उड़ते हों नीलगगन में
धरती पर नाचें परियाँ
उस देस चलें माँ
चंदा तारे फूल पत्तियाँ. . .
देशदेवता ठहर तनिक
तेरी जिह्वा रुधिर अधिक
हत हत्यारे किधर अधिक
मय्या मेरी मांग सजा ले
मेरा हाथ पकड़ वधिक
बापू गए नागलोक में
मय्या किसके संग करे बत्तियाँ
उस देस चलें माँ
चंदा तारे फूल पत्तियाँ. . .
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२