उसके अरमानों की बारात सजाने के लिए
उसके अरमानों की बारात
सजाने के लिए
इस घर से
एक एक करके
न जाने
कितनों के
जनाजे उठेंगे
उसके घर को
शीश महल बनाने के लिए
न जाने इस घर के
बारी बारी से कितने
शीशे टूटेंगे
अपने ही घर को
उजाड़ दिया
उसका घर बसाने के लिए
हम भी देखते हैं कि
ऐसे बिना जड़ों
बिना शाखों
बिना फूलों और
बिना पत्तों के पेड़ों पर
कब तक पंछी चहकेंगे
कब तक यह सावन के झूले में झूलेंगे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001