उसकी मेहनत
उसकी मेहनत
वो सुबह
मुंह अंधेरे
पूरे परिवार से पहले
उठ जाती है
संभालनी होती है
घर-गृहस्थी
निभानी होती हैं
जिम्मेदारियाँ
सोती भी है
सबसे आखिर में
लगाता हूँ जब हिसाब
उसकी मेहनत का
तो खुद को
निठल्ला पाता हूँ
-विनोद सिल्ला©
उसकी मेहनत
वो सुबह
मुंह अंधेरे
पूरे परिवार से पहले
उठ जाती है
संभालनी होती है
घर-गृहस्थी
निभानी होती हैं
जिम्मेदारियाँ
सोती भी है
सबसे आखिर में
लगाता हूँ जब हिसाब
उसकी मेहनत का
तो खुद को
निठल्ला पाता हूँ
-विनोद सिल्ला©