उसका इतराना, कतराना रहा l
उसका इतराना, कतराना रहा l
प्रीत का बस, एसा तराना रहा ll
मन, तन, जीवन, स्वप्न, लगन के साथ l
प्यास, तेरा अजीब, घराना रहा ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
उसका इतराना, कतराना रहा l
प्रीत का बस, एसा तराना रहा ll
मन, तन, जीवन, स्वप्न, लगन के साथ l
प्यास, तेरा अजीब, घराना रहा ll
अरविन्द व्यास “प्यास”