उषा का स्वागत
प्रिय उषा को जन्म दिन पर भेंट
पौष की ठिठुरन में धूप का टुकड़ा लिए
अमावस की रात में अमृतमय चांदनी लिये
जेठ की तपती दोपहर मे सावन की फुहार लिए
मधुर मुस्कान,नई उमंगे लिये,सारे रंगों को समेटे,खुशिया बिखरती आई हो तुम
स्वागत करता हूं भोर की उषा का बाहो के हार लिये
डॉ सत्येन्द्र कुमार अग्रवाल