उन्होंने ग़ज़ल में मुहब्बत लिखी है
उन्होंने ग़ज़ल में मुहब्बत लिखी है
बड़े प्यार से दिल की चाहत लिखी है
हमारे लिए तोड़ लायेँगेँ तारे
बड़ी खूबसूरत कहावत लिखी है
भले वो रहें चुप न बोले लबों से
नज़र में ही उनकी इज़ाज़त लिखी है
मिला रूप खिलती बहारों के जैसा
हँसी के गुलों से इबादत लिखी है
हुए कैद यादों भरी जेल में हम
बिना हथकड़ी ही हिरासत लिखी है
नहीं भाग्य में है मिलन अब हमारा
गमों ने ही अपनी विरासत लिखी है
तुम्हें देख कर राज खोले हैं दिल के
नहीं ‘अर्चना’ ने शिकायत लिखी है
14-06-2017
डॉ अर्चना गुप्ता