उन्हें हमारी याद तो आई
सारी उम्र बीतने पर
आई
फिर भी चलो
एक बार ही सही
उन्हें हमारी याद तो आई
मुलाकात तो फिर भी न
हुई
उन्होंने मेरे बिखरे सामान को
टटोला
कहीं दिल के किसी कोने में पड़ी
मेरी याद ने उन्हें झकझोरा
सीने में एक बिजली सी कौन्धी
आंखों से सागर न छलके पर
पलकें भीग गई
प्यार के मौसम की छत हुई नम
आंसू की एक बूंद
आंखों की चिलमन से बहकर
गालों तक उतरकर चली आई कि
एक मुद्दत बाद उन्हें
उनकी तन्हाई हम तक
खींच ही लाई।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001