उनके हाथों की हिना
उनके हाथों की हिना
याद बहुत आती है!
मेरी स्याह रातों में
रंग घोल जाती है!
ऐसे ही बैठे-बैठे
कोई बात सोचकर!
वो मुस्कुराने की अदा
याद बहुत आती है!
Shekhar Chandra Mitra
उनके हाथों की हिना
याद बहुत आती है!
मेरी स्याह रातों में
रंग घोल जाती है!
ऐसे ही बैठे-बैठे
कोई बात सोचकर!
वो मुस्कुराने की अदा
याद बहुत आती है!
Shekhar Chandra Mitra