उठs भइल अब भोर
सुरुज के किरिनिया से भइले अँजोर
कोयल कुके चिरई चिहके चहूँओर
उठs भइल अब भोर
सुरुज के किरिनिया से भइले अँजोर
खटिया के छोड़ि सब उठले किसनवा
फुटली किरिनिया के भइले जनमवा
घाम भइल घनघोर,चुवे अँखिया से लोर
धरे मोजर टीकोर
सुरुज के किरिनिया से भइले अँजोर
मंदिर के घंटी टूनुन टून बाजे
भक्ति के पायलिया पाव में साजे
हाथ लिही अब जोरि,होखे मन में अँजोर
रस चुवे पोरे पोरे
सुरुज के किरिनिया से भइले अंजोर
रहेले गणेश फुस की मड़इया में
साथ देले खुबे सांच के लड़इया में
उठे मन में हिलोर ,करे सब लोग शोर
खिले चंदा चकोर
सुरुज के किरिनिया से भइले अंजोर
गणेश नाथ तिवारी “विनायक”