Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2022 · 1 min read

ईद मनाते हैं।

चलो मोहब्बत से ईद मनाते है।
दिलों से हम नफरत मिटाते है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 4 Comments · 140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रामफल मंडल (शहीद)
रामफल मंडल (शहीद)
Shashi Dhar Kumar
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हम हैं क्योंकि वह थे
हम हैं क्योंकि वह थे
Shekhar Chandra Mitra
हमको
हमको
Divya Mishra
भ्रात प्रेम का रूप है,
भ्रात प्रेम का रूप है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"अजीब दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
Mahendra Narayan
जब से हैं तब से हम
जब से हैं तब से हम
Dr fauzia Naseem shad
2433.पूर्णिका
2433.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हैप्पी होली
हैप्पी होली
Satish Srijan
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक।
मुक्तक।
Pankaj sharma Tarun
अपना यह गणतन्त्र दिवस, ऐसे हम मनायें
अपना यह गणतन्त्र दिवस, ऐसे हम मनायें
gurudeenverma198
प्रेम और घृणा दोनों ऐसे
प्रेम और घृणा दोनों ऐसे
Neelam Sharma
"सफर"
Yogendra Chaturwedi
छोटी सी बात
छोटी सी बात
Kanchan Khanna
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
Dr Tabassum Jahan
जीवन एक मकान किराए को,
जीवन एक मकान किराए को,
Bodhisatva kastooriya
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
पापियों के हाथ
पापियों के हाथ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
गरीबी और लाचारी
गरीबी और लाचारी
Mukesh Kumar Sonkar
ओ! चॅंद्रयान
ओ! चॅंद्रयान
kavita verma
वो हमसे पराये हो गये
वो हमसे पराये हो गये
Dr. Man Mohan Krishna
* भैया दूज *
* भैया दूज *
surenderpal vaidya
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
कर्तव्यपथ
कर्तव्यपथ
जगदीश शर्मा सहज
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
Loading...