Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2022 · 1 min read

इश्क़ रूह से मज़ाक लगता है

जिस्म की है तलब मोहब्बत को ।
इश्क़ ‘रूह से मजाक लगता है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
18 Likes · 117 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
*अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】*
*अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
उफ्फ्फ
उफ्फ्फ
Atul "Krishn"
** मन मिलन **
** मन मिलन **
surenderpal vaidya
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
Rj Anand Prajapati
केहरि बनकर दहाड़ें
केहरि बनकर दहाड़ें
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कमबख्त ये दिल जिसे अपना समझा,वो बेवफा निकला।
कमबख्त ये दिल जिसे अपना समझा,वो बेवफा निकला।
Sandeep Mishra
उन से कहना था
उन से कहना था
हिमांशु Kulshrestha
*सच्चे  गोंड और शुभचिंतक लोग...*
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
नेताम आर सी
💐प्रेम कौतुक-354💐
💐प्रेम कौतुक-354💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
घर जला दिए किसी की बस्तियां जली
घर जला दिए किसी की बस्तियां जली
कृष्णकांत गुर्जर
खाना खाया या नहीं ये सवाल नहीं पूछता,
खाना खाया या नहीं ये सवाल नहीं पूछता,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
क्या है उसके संवादों का सार?
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
*Dr Arun Kumar shastri*
*Dr Arun Kumar shastri*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सलाह .... लघुकथा
सलाह .... लघुकथा
sushil sarna
रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सोई गहरी नींदों में
सोई गहरी नींदों में
Anju ( Ojhal )
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
मेरा दामन भी तार-तार रहा
मेरा दामन भी तार-तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
चलो , फिर करते हैं, नामुमकिन को मुमकिन ,
चलो , फिर करते हैं, नामुमकिन को मुमकिन ,
Atul Mishra
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
कवि रमेशराज
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी सिंह
राम छोड़ ना कोई हमारे..
राम छोड़ ना कोई हमारे..
Vijay kumar Pandey
👌परिभाषा👌
👌परिभाषा👌
*Author प्रणय प्रभात*
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
At the end of the day, you have two choices in love – one is
At the end of the day, you have two choices in love – one is
पूर्वार्थ
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...