इशारो ही इशारो से…😊👌
इशारो ही इशारो से पहले हल्की – हल्की बात होती है।
कुछ यूं इस तरह से ही यार इश्क़ की शुरुआत होती है।
नजरे झुकाकर पलके झपकाकर इश्क़-ए-इज़हार करे
तो समझ जाना जनाब वो रात मिलन की रात होती है
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
महासमुन्द (छःग)
इशारो ही इशारो से पहले हल्की – हल्की बात होती है।
कुछ यूं इस तरह से ही यार इश्क़ की शुरुआत होती है।
नजरे झुकाकर पलके झपकाकर इश्क़-ए-इज़हार करे
तो समझ जाना जनाब वो रात मिलन की रात होती है
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
महासमुन्द (छःग)