*** इतनी फुर्सत कहां ***
इतनी
फुर्सत कहां
मिलती है
हमको
जो तेरा
सूरत-ए-हाल
लिखें हम
माल हमारा है
बिके
चाहे
ना बिके
जमाने
का
हाल
क्या
लिखें
जमाने
ने
छीना
है
सुखचैन
हमारा
अब लिखें
तो
और हाल
क्या लिखें ।।
?मधुप बैरागी