Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2022 · 1 min read

इतना तय है

कुछ सोच कर ही
उसने हमें खोया होगा ।
इतना तय है वो बिछड़ के
नहीं रोया होगा ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
4 Likes · 149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
गहन शोध से पता चला है कि
गहन शोध से पता चला है कि
*Author प्रणय प्रभात*
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
Arun B Jain
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
कुत्ते की व्यथा
कुत्ते की व्यथा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
भौतिकवादी
भौतिकवादी
लक्ष्मी सिंह
क्या खोया क्या पाया
क्या खोया क्या पाया
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
प्रेम बनो,तब राष्ट्र, हर्षमय सद् फुलवारी
प्रेम बनो,तब राष्ट्र, हर्षमय सद् फुलवारी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मेरी पहली चाहत था तू
मेरी पहली चाहत था तू
Dr Manju Saini
कुछ अपनें ऐसे होते हैं,
कुछ अपनें ऐसे होते हैं,
Yogendra Chaturwedi
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
Dheerja Sharma
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
!! पलकें भीगो रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
घर के राजदुलारे युवा।
घर के राजदुलारे युवा।
Kuldeep mishra (KD)
तुम ही कहती हो न,
तुम ही कहती हो न,
पूर्वार्थ
कौन कितने पानी में
कौन कितने पानी में
Mukesh Jeevanand
कोई नहीं करता है अब बुराई मेरी
कोई नहीं करता है अब बुराई मेरी
gurudeenverma198
पिता के पदचिह्न (कविता)
पिता के पदचिह्न (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
शेखर सिंह
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
Moti ki bhi ajib kahani se , jisne bnaya isko uska koi mole
Moti ki bhi ajib kahani se , jisne bnaya isko uska koi mole
Sakshi Tripathi
*जीवन है मुस्कान (कुंडलिया)*
*जीवन है मुस्कान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मां
मां
Sûrëkhâ Rãthí
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
फुटपाथ
फुटपाथ
Prakash Chandra
ज्ञान के दाता तुम्हीं , तुमसे बुद्धि - विवेक ।
ज्ञान के दाता तुम्हीं , तुमसे बुद्धि - विवेक ।
Neelam Sharma
बादल और बरसात
बादल और बरसात
Neeraj Agarwal
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
Meera Thakur
"फितरत"
Dr. Kishan tandon kranti
2246.🌹इंसान हूँ इंसानियत की बात करता हूँ 🌹
2246.🌹इंसान हूँ इंसानियत की बात करता हूँ 🌹
Dr.Khedu Bharti
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
umesh mehra
तन्हा
तन्हा
अमित मिश्र
Loading...