Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jan 2024 · 1 min read

इक शाम दे दो. . . .

इक शाम दे दो …

तन्हाई के आलम में
न जाने कौन
मेरे अफ़सुर्दा से लम्हों को
अपनी यादों की आंच से
रोशन कर जाता है
लम्हों के कारवाँ
तेरी यादों की तपिश से
लावा बन
आँखों से पिघलने लगते हैं
किसी के लम्स
मेरी रूह को
झिंझोड़ देते हैं
अँधेरे
जुगनुओं के लिए
रस्ते छोड़ देते हैं
तुम अरसे से
मेरे ज़ह्न में पोशीदा
इक ख़्वाब हो
मेरे सुलगते जज़्बात का
जवाब हो
अब सिवा तेरी आहटों के
कोई आहट नहीं सुहाती
चली भी आओ
कि इन्तिज़ार की अब
इन्तिहा हो गयी
मुन्तज़िर हूँ जिस लम्हे का
उस लम्हे को अंजाम दे दो
मेरी शाम को
इक नाम दे दो
मेरी
दीवानगी को
अपनी
इक शाम दे दो

सुशील सरना

182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जब तक हमें अहंकार है हम कुछ स्वीकार नहीं कर सकते, और स्वयं क
जब तक हमें अहंकार है हम कुछ स्वीकार नहीं कर सकते, और स्वयं क
Ravikesh Jha
“HUMILITY FORGIVES SEVEN MISTAKES “
“HUMILITY FORGIVES SEVEN MISTAKES “
DrLakshman Jha Parimal
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
धरती ने जलवाष्पों को आसमान तक संदेश भिजवाया
ruby kumari
दिए जलाओ प्यार के
दिए जलाओ प्यार के
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब जब तेरा मजाक बनाया जाएगा।
जब जब तेरा मजाक बनाया जाएगा।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
अंतस के उद्वेग हैं ,
अंतस के उद्वेग हैं ,
sushil sarna
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
"सांप-संपोलों से
*प्रणय*
ये दुनिया
ये दुनिया
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बरस  पाँच  सौ  तक रखी,
बरस पाँच सौ तक रखी,
Neelam Sharma
विवाह
विवाह
Shashi Mahajan
नज़र से जाम पिलाने का कोई सबब होगा ।
नज़र से जाम पिलाने का कोई सबब होगा ।
Phool gufran
हरियर जिनगी म सजगे पियर रंग
हरियर जिनगी म सजगे पियर रंग
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
Ranjeet kumar patre
तो मैं राम ना होती....?
तो मैं राम ना होती....?
Mamta Singh Devaa
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
Yogendra Chaturwedi
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
तीन औरतें बेफिक्र जा रही थीं,
Ajit Kumar "Karn"
Pollution & Mental Health
Pollution & Mental Health
Tushar Jagawat
I love to vanish like that shooting star.
I love to vanish like that shooting star.
Manisha Manjari
अभी भी बहुत समय पड़ा है,
अभी भी बहुत समय पड़ा है,
शेखर सिंह
4564.*पूर्णिका*
4564.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिता
पिता
Raju Gajbhiye
कहां बिखर जाती है
कहां बिखर जाती है
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
प्रत्येक मनुष्य के  जीवन में घटित घटनाओं की यादें उस व्यक्ति
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में घटित घटनाओं की यादें उस व्यक्ति
पूर्वार्थ
उतार देती हैं
उतार देती हैं
Dr fauzia Naseem shad
जी करता है
जी करता है
हिमांशु Kulshrestha
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
हे सूरज देवा
हे सूरज देवा
Pratibha Pandey
"देखा है"
Dr. Kishan tandon kranti
हम हारते तभी हैं
हम हारते तभी हैं
Sonam Puneet Dubey
Loading...