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3 Jul 2022 · 1 min read

इंसा का रोना भी जरूरी होता है।

पेश है पूरी ग़ज़ल…

इंसा का रोना भी जरूरी होता है।
ज्यादा हंसने से ये दिल मुर्दा हो जाता है।।1।।

कितना भी संभालों खुद को तुम।
यह इश्क है दिलो में घर कर ही जाता है।।2।।

कितना भी मजबूत हो कोई भी।
वो खुद का आसरा दूसरों में ही पाता है।।3।।

जिंदगी भी जज़्बातों का सौदा है।
इंसा तो कीमत हर सांस की चुकाता है।।4।।

अक्सर ही जिन्दगी में ये होता है।
भीड़ में रहने वाला अकेला हो जाता है।।5।।

बीती जिन्दगी पे क्या रोना यारों।
बीता हुआ वक्त फिर कभी ना आता है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 4 Comments · 300 Views
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