Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2024 · 1 min read

इंसान को पहले इंसान बनाएं

चलो कोई ऐसा मज़हब बनाएं,
इंसान को पहले इंसान बनाएं।

आग है बह रही गंगा और झेलम में
बोलो कैसे किसी नदी में नहाएं।

खुशबू से महक उठे पड़ोसी का घर भी
आओ ऐसा फूल मिलकर खिलाएं ।

प्यार मोहब्बत कहां गई दिलों से,
ये समझने के लिए अंधेरों में कुछ दीप जलाएं।

तेरी दुख तकलीफ़ का ऐसा असर हो दोस्तों पर,
अगर तू भूखा हो तो कोई एक निवाला न खाएं।

जिस्म तो मिट्टी में ही मिल जायेगा इक दिन,
फिर क्यों किसी से इतना वैर बढ़ाएं।

आओ हो जाएं सब एक साथ हम,
हिंदुस्तान को सबके रहने के काबिल बनाएं।

1 Like · 51 Views

You may also like these posts

- उसकी आंखों का सम्मोहन -
- उसकी आंखों का सम्मोहन -
bharat gehlot
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
तूने कहा कि मैं मतलबी हो गया,,
SPK Sachin Lodhi
लोरी
लोरी
आकाश महेशपुरी
गज़ल
गज़ल
Jai Prakash Srivastav
" हर वर्ग की चुनावी चर्चा “
Dr Meenu Poonia
लफ्ज़ भूल जाते हैं.....
लफ्ज़ भूल जाते हैं.....
हिमांशु Kulshrestha
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चाहता बहुत कुछ
चाहता बहुत कुछ
महेश चन्द्र त्रिपाठी
卐                🪔 🪷🪷 卐
卐 🪔 🪷🪷 卐
ललकार भारद्वाज
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
शेखर सिंह
पत्नी होना भी आसान नहीं,
पत्नी होना भी आसान नहीं,
लक्ष्मी सिंह
यादों के जंगल में
यादों के जंगल में
Surinder blackpen
कलमकार का दर्द
कलमकार का दर्द
RAMESH SHARMA
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण
सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण
अशोक कुमार ढोरिया
कुठिया छोटी सी )
कुठिया छोटी सी )
Dr. P.C. Bisen
इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी ।
इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी ।
Dr fauzia Naseem shad
"बहुत देखे हैं"
ओसमणी साहू 'ओश'
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Ritu Asooja
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
पूर्वार्थ
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
Rj Anand Prajapati
सपने
सपने
surenderpal vaidya
हमर सभके
हमर सभके
Acharya Rama Nand Mandal
रोम-रोम में राम....
रोम-रोम में राम....
डॉ.सीमा अग्रवाल
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
Sonam Puneet Dubey
आशीर्वाद गीत
आशीर्वाद गीत
Mangu singh
तू मिला जो मुझे इक हंसी मिल गई
तू मिला जो मुझे इक हंसी मिल गई
कृष्णकांत गुर्जर
हमेशा सही काम करते रहने से,
हमेशा सही काम करते रहने से,
Ajit Kumar "Karn"
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
"नजरों से न गिरना"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...