आ जाओ मन मीत संग संग चाय पिएंगे
आ जाओ मन मीत,संग संग चाय पिएंगे
साथ बिताए सुखद पलों को, ताजा फिर कर लेंगे
मिल बैठकर बात करेंगे,पल दो पल हंस लेंगे
सुख दुख साझा कर लेंगे, यादें ताजा कर लेंगे
बीत गए जो पल जीवन के,हम फिर से जी लेंगे
आ जाओ मन मीत, संग चुस्कियां लेंगे
जीवन की आपा धापी में,अरसा बीत गया है
भरा हुआ था घड़ा उम्र का,बो भी रीत रहा है
भिगो रहा मधुमास मीत, गीत हम भी गा लेंगे
घुला हुआ है रंग बसंती,हम भी अंतस रंग लेंगे
आ जाओ मन मीत, संग संग चाय पिएंगे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी