Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2024 · 1 min read

आहत मन !

कल रात की ही तो है बात,
झांसी में जो घटित हुआ रात,
लील गया बच्चों का बचपन,
जिनका शुरु होना था अभी जीवन,
अग्नि कांड ने जिन्हें छीन लिया,
अपनों को अपनों से ही,
कर गये आहत सबके मन!
ये थोड़ी सी ही लापरवाही है,
या अपने दायित्वों से बच कर निकलने की तैयारी है,
कर्तव्यों के निर्वहन की हीला हवाली है!
जहाँ सुरक्षा के उपाय ही ,
विध्वंस का कारण बन गये,
निकम्मे पन की पराकाष्ठा हैं लिए हुए,
हादसे को आमंत्रण दे रहे,!
और हमारे रहनुमाओं की क्या कहें,
लीपा पोती में हैं लगे हुए,
कुछ टके मुआवजे के घोषित किए,
और चुनाव प्रचार को चले गए,
हां,जांच रिपोर्ट को कह गये,
बारह घंटे में तलब किए!
परिजन दर दर भटक गये,
अपने मासूमों को तरस गये,
नहीं मालूम, हैं भी या नहीं रहे,
अपनी पीडा कहैं किससे!
बस रश्म अदायगी होती है,
आहत मन को कौन धैर्य धरै,
कुछ दिनों की मातम परसी है,
कुछ दिनों तक चर्चा चलती है,
फिर और घटित हो जाएगा,
परिदृश्य सभी का बदल जाएगा,
ऐसा ही होता आया है,
ऐसा ही होता जाएगा!
जनता को बहला फुसला कर,
फिर सत्ता का सुख मिल जाऐगा!!

58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
*इन तीन पर कायम रहो*
*इन तीन पर कायम रहो*
Dushyant Kumar
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
अंसार एटवी
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
Sanjay ' शून्य'
"तेरी नजरें"
Dr. Kishan tandon kranti
बेवक़ूफ़
बेवक़ूफ़
Otteri Selvakumar
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
जय माता दी 🙏🚩
जय माता दी 🙏🚩
Neeraj Agarwal
🌺फूल की संवेदना🌻
🌺फूल की संवेदना🌻
Dr. Vaishali Verma
लड़ो लड़ाई दीन की
लड़ो लड़ाई दीन की
विनोद सिल्ला
दिल ये इज़हार कहां करता है
दिल ये इज़हार कहां करता है
Surinder blackpen
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अंजाना  सा साथ (लघु रचना ) ....
अंजाना सा साथ (लघु रचना ) ....
sushil sarna
प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
Shashi kala vyas
शहर बसते गए,,,
शहर बसते गए,,,
पूर्वार्थ
Bindesh kumar jha
Bindesh kumar jha
Bindesh kumar jha
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी
तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी
gurudeenverma198
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
लें दे कर इंतज़ार रह गया
लें दे कर इंतज़ार रह गया
Manoj Mahato
जीवन को जीतती हैं
जीवन को जीतती हैं
Dr fauzia Naseem shad
#श्योपुर-
#श्योपुर-
*प्रणय*
7. *मातृ-दिवस * स्व. माँ को समर्पित
7. *मातृ-दिवस * स्व. माँ को समर्पित
Dr .Shweta sood 'Madhu'
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3918.💐 *पूर्णिका* 💐
3918.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
बात पते की कहती नानी।
बात पते की कहती नानी।
Vedha Singh
लाल बहादुर
लाल बहादुर
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
न तुम भूल जाना
न तुम भूल जाना
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
Loading...