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9 Aug 2024 · 1 min read

आस्था

आस्था

आस्था सदा लोक सेवा समर्पित।
हृदय की मधुर भावना सत्य अर्पित।।
समुचित समाधान उत्तम सुचालन।
सेवा सभी की मधुर सभ्य शासन।।

यहाँ स्नेह उर्मिल सदा भव्य निर्मल।
उद्गार कोमल सहज वृत्ति उज्ज्वल।।
मोहक मनोरथ सतत कर्म धारा।
ग्राहक परम प्रिय सदा दिव्य प्यारा।।

नहीं क्षेत्र में कोई ऐसा निराला।
आस्था स्व -जन केंद्र मोहक विशाला।।
ग्राहक सभी बंधु परिजन हमारे।
संतुष्ट होते चमकते सितारे।।

प्रस्तुति:
डॉ0 रामबली मिश्र,हरिहरपुर,वाराणसी-221405

1 Like · 65 Views
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