आसमान की तरफ भी देखो इक हसीना है
ये घूँट -घूँटकर जीना भी कोई जीना है ।
एक बार आसमान की तरफ भी देखो ।
वहां भी इक हसीना है ।
सौंदर्य उसका देखकर ।
आती न नींद सेजपर ।
बाहर ही छत पर खाट बिछाए ।
देख रहा हूँ लेटकर ।
दिल मे उठे है प्यार की गुबार ।
ये तो इक महजबीना है ।
मेरे सपनो की नाजनीना है ।
ये घूंट – घूँटकर जीना भी कोई जीना है ।
एक बार आसमान की तरफ भी देखो ।
वहां भी इक हसीना है ।
तार -तार है बज उठते ।
प्यार के है शोले दहकते ।
चलती जाती वो बलखाती ।
पहने रेशम की रश्मि खोल है ।
चेहरे का नूर दमकता है जैसे की कोई नगीना है ।
ये घूंट -घूँटकर जीना भी कोई जीना है ।
एक बार आसमान की तरफ भी देखो ।
वहां भी इक हसीना है ।
हमको भी देखो न शर्माओ ।
तुम तो मेरे करीब आओ ।
नैनो से नैना मिलाके ।
तुम हमको गले से लगाओ ।
सब श्रृंगार है आधे अधूरे ।
तेरे आगे सब धूल है ।
सच कहता हूं प्यार है तुमसे ।
जान से भी ज्यादा ।
बोल दो न क्या है ?
मेरे बारे मे इरादा ।
अब तो है बस एक ही ख्वाहिश ।
तेरा जाम पीना है ।
ये घूंट -घूँटकर जीना भी कोई जीना है ।
एक बार आसमान की तरफ भी देखो ।
वहां भी इक हसीना है ।
शायर :- आनंद यश