आशीर्वाद गीत
चले आओ संतों ,सेवा के बहाने
सुखी रहे चोला, लबा लब खजाने।।
बजरी और बजरफुट की, भर लाओ परातें
फावड़े से नीव खोदो, मिलेगी सौगातें।
छोटी- छोटी सेवा करें, पत्नी और न्याने।। १।।
चले आओ संतों ,सेवा के बहाने।।
ईंट और रोडा़ कोई करना खराब नहीं,
थक जाओ दूध पियो कभी भी शराब नहीं।
नशा नहीं करना संतों, गुरु समझाने।। २।।
चले आओ संतों सेवा के बहाने।
एक -एक कदम थारा, कल्याणकारी हो।
भवन सत्गुरु का सेवा तुम्हारी हो।।
कारोबार फले फूले , सुखी हो घराने।। ३।।
चले आओ संतों सेवा के बहाने।
बेला और चमेलिया के फूल तो मंगाओ,
मोगरा कस्तूरिया की अगरबत्ती लाओ।
भवन को महकाओ ,मंगू गूजें तराने।। ४।।
चले आओ संतों सेवा के बहाने।।