*उम्मीद पर टिकी है दुनिया *
फिज़ाओं में खुशबुएं भी हैं घुली घुली,
केवल जहर ही नहीं हवाओं की उड़न में।
आओ छुअन में एहसास करें जरा।।
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दुनिया में प्रेम और नेकी भी है रची बसी,
केवल बदी और घृणा नहीं इसके चलन में।
आओ मिल जुलकर एहसास करें जरा।।
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दिलों में मिठास औरअपनत्व भी है समाया,
सिर्फ कटुता व बेरुखी नहीं इसकी घुलन में।
आओ हृदय में कुछ एहसास करें जरा।।
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परमेश्वर है साथ तो दुनिया में कहां हैं गम,
साथ है उसका तो जग में खुशियाँ न हैं कम।
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उसके अस्तित्व का कुछ अहसास करें जरा।
दाता की करुणा पर कुछ विश्वास करें जरा।
सृष्टि के संचालक का आभास करें जरा।
विश्व को सुंदर बनाने का सुप्रयास करें जरा।
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—रंजना माथुर दिनांक 25/08/2017
(मेरी स्व रचित व मौलिक रचना )
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