Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2022 · 1 min read

” आशा की एक किरण “

डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
=================
स्तब्ध मौन मायूस भरी
नज़रों से निहार रही थी,
शब्द मनोमस्तिष्क में
उमड़ घुमड़ रहे थे,
पर होठ हिलते नहीं थे,
बातें तो बहुत उनसे कर ली,
आभास कुछ होने लगा,
कहीं कोई बात तो नहीं रह गयी ?
अधूरी बातें, अधूरी चाहत,
अधूरेपन की झनझनाहटों ने
निष्प्राण हमको कर दिया !
बहुत चाह थी वे आएँगे
जी भर के उनसे बातें करुँगी,
अपनी हर हसरतों को साकार करुँगी !
अच्छे दिन कुछ दिन ही रहे
अब जो बातें रहीं वो रह गयीं,
हम अधूरे रह गए !
अगली बरसातों में ही
अपनी बातें हमको कहेगी !
फिर स्तब्धता मौनता और
मासूमियत को सदा के लिए छोड़ देगी !!
==========================
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका

Language: Hindi
613 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि अनुभवों
केवल आनंद की अनुभूति ही जीवन का रहस्य नहीं है,बल्कि अनुभवों
Aarti Ayachit
विजय हजारे
विजय हजारे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
Ekta chitrangini
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
ओनिका सेतिया 'अनु '
या रब
या रब
Shekhar Chandra Mitra
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
Er. Sanjay Shrivastava
कल तक थे वो पत्थर।
कल तक थे वो पत्थर।
Taj Mohammad
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज़िंदगी मौत पर
ज़िंदगी मौत पर
Dr fauzia Naseem shad
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ
ख्वाब उसका पूरा नहीं हुआ
gurudeenverma198
जो लम्हें प्यार से जिया जाए,
जो लम्हें प्यार से जिया जाए,
Buddha Prakash
बैठकर अब कोई आपकी कहानियाँ नहीं सुनेगा
बैठकर अब कोई आपकी कहानियाँ नहीं सुनेगा
DrLakshman Jha Parimal
भारत सनातन का देश है।
भारत सनातन का देश है।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
रमेशराज के विरोधरस दोहे
रमेशराज के विरोधरस दोहे
कवि रमेशराज
■ अपना दर्द, दवा भी अपनी।।
■ अपना दर्द, दवा भी अपनी।।
*Author प्रणय प्रभात*
समझदारी ने दिया धोखा*
समझदारी ने दिया धोखा*
Rajni kapoor
"कुछ तो गुना गुना रही हो"
Lohit Tamta
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
अपनी बड़ाई जब स्वयं करनी पड़े
अपनी बड़ाई जब स्वयं करनी पड़े
Paras Nath Jha
हम खुद से प्यार करते हैं
हम खुद से प्यार करते हैं
ruby kumari
मातृ दिवस पर कुछ पंक्तियां
मातृ दिवस पर कुछ पंक्तियां
Ram Krishan Rastogi
दिल की बातें....
दिल की बातें....
Kavita Chouhan
त्याग
त्याग
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
गौरी।
गौरी।
Acharya Rama Nand Mandal
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
- मोहब्बत महंगी और फरेब धोखे सस्ते हो गए -
bharat gehlot
माघी दोहे ....
माघी दोहे ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
Phool gufran
💐 Prodigy Love-25💐
💐 Prodigy Love-25💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...