Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2021 · 1 min read

आवाज़ उठाओ

अगर आज हम
अफ़ग़ानिस्तान के लिए
आवाज़ उठाएंगे!
तो कल वे भी
हिंदोस्तान के लिए
आवाज़ उठाएंगे!
यहां क़यामत को
आने से कोई
रोक नहीं सकता!
अगर मिलकर नहीं
सब ज़हान के लिए
आवाज़ उठाएंगे!
#DemocracyInDanger
#SaveAfghanistan
#SecularIndia
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

होली यादगार बनाइए
होली यादगार बनाइए
Sudhir srivastava
ये मौसमी बहारें
ये मौसमी बहारें
Sarla Mehta
" मशहूर "
Dr. Kishan tandon kranti
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
Ajit Kumar "Karn"
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
Dr MusafiR BaithA
अपने सिवा किसी दूजे को अपना ना बनाना साकी,
अपने सिवा किसी दूजे को अपना ना बनाना साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भरोसा खुद पर
भरोसा खुद पर
Mukesh Kumar Sonkar
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
Rituraj shivem verma
छंद मुक्त कविता : विघटन
छंद मुक्त कविता : विघटन
Sushila joshi
.
.
*प्रणय*
ऐ चाँद
ऐ चाँद
Saraswati Bajpai
ग़ज़ल - याद आयेगा हमें .....
ग़ज़ल - याद आयेगा हमें .....
sushil sarna
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
Kshma Urmila
​चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
​चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
Atul "Krishn"
परीक्षा
परीक्षा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
इसलिए लिख के
इसलिए लिख के
Dr fauzia Naseem shad
बसंत बहार
बसंत बहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वो है संस्कृति
वो है संस्कृति
उमा झा
हमने तुम्हें क्या समझा था,
हमने तुम्हें क्या समझा था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
भारत के भाल पर , दमकती बिंदी -हमारी हिंदी
भारत के भाल पर , दमकती बिंदी -हमारी हिंदी
TAMANNA BILASPURI
गुरु वह जो अनंत का ज्ञान करा दें
गुरु वह जो अनंत का ज्ञान करा दें
हरिओम 'कोमल'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
अनवरत ये बेचैनी
अनवरत ये बेचैनी
Shweta Soni
नहीं है प्रेम जीवन में
नहीं है प्रेम जीवन में
आनंद प्रवीण
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं एक अँधेरी गुफा में बंद हूँ,
मैं एक अँधेरी गुफा में बंद हूँ,
लक्ष्मी सिंह
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
Loading...