Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2021 · 1 min read

आर-पार

आदमी-आदमी के बीच में
खाड़ा भईल दीवार के!
आवअ मिलके ढाहल जाव
नफ़रत के यादगार के!!
गुलामी-आजादी के बीच में
रास्ता कवनो ना होला
समझौता से काम ना चली
ज़ंग बा आर-पार के!!
Shekhar Chandra Mitra
#BhagatSinghReturns
#जनवादीगीतकार

Language: Bhojpuri
250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
Ranjeet kumar patre
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
Sukoon
बारिश की संध्या
बारिश की संध्या
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी हे
मोर छत्तीसगढ़ महतारी हे
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
2351.पूर्णिका
2351.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
Anand Kumar
मैंने खुद को बदल के रख डाला
मैंने खुद को बदल के रख डाला
Dr fauzia Naseem shad
कर गमलो से शोभित जिसका
कर गमलो से शोभित जिसका
प्रेमदास वसु सुरेखा
सोशल मीडिया पर हिसाबी और असंवेदनशील लोग
सोशल मीडिया पर हिसाबी और असंवेदनशील लोग
Dr MusafiR BaithA
फितरत कभी नहीं बदलती
फितरत कभी नहीं बदलती
Madhavi Srivastava
अंदाज़े शायरी
अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*कभी तो खुली किताब सी हो जिंदगी*
*कभी तो खुली किताब सी हो जिंदगी*
Shashi kala vyas
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
Tulendra Yadav
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
Deepak Baweja
तन्हाई
तन्हाई
Sidhartha Mishra
शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।।
शायद वो खत तूने बिना पढ़े ही जलाया होगा।।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
गांव का दृश्य
गांव का दृश्य
Mukesh Kumar Sonkar
जिस दिन तुम हो गए विमुख जन जन से
जिस दिन तुम हो गए विमुख जन जन से
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बड़ा ही अजीब है
बड़ा ही अजीब है
Atul "Krishn"
मजबूरी नहीं जरूरी
मजबूरी नहीं जरूरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्षणिका :  ऐश ट्रे
क्षणिका : ऐश ट्रे
sushil sarna
वो आये और देख कर जाने लगे
वो आये और देख कर जाने लगे
Surinder blackpen
लिफाफे में दिया क्या है (मुक्तक)
लिफाफे में दिया क्या है (मुक्तक)
Ravi Prakash
श्री राम अर्चन महायज्ञ
श्री राम अर्चन महायज्ञ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*प्यार या एहसान*
*प्यार या एहसान*
Harminder Kaur
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
अब तू किसे दोष देती है
अब तू किसे दोष देती है
gurudeenverma198
हिन्दी दोहा- बिषय- कौड़ी
हिन्दी दोहा- बिषय- कौड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...