आम
हे, आम सबसे बड़ा तेरा नाम
भले ही नाम “आम” है ।
पर गर्मी में तू सबके लिए खास है ।
भले ही तू लकड़ी या गत्ते के बक्से में आए,
पर हमारे घर मे तेरा स्थान तो,
चांदी – सोने के आस पास है ।
तुझे दूर से देखते ही लोग
तेरे स्वाद और मधुरता का लगा
लेते अंदाजा है ।
तेरे इसी विशेषता के लिए ही तो
तू कहलाता फलों का राजा है ।
तेरा रस जिव्हा को छूते ही,
मधुर स्वाद मन को आनंद देता
प्रति पल है ।
इसी लिए तो तू बना
हमारे देश का राष्ट्रीय फल है ।
:- गोविन्द उईके