आब-ए-तल्ख़
आब-ए-तल्ख़ छलक
ही जाता है जनाब क्यू..
जब कोई प्यार को एक
हादसा समझ भूल जाए..
© premyad kumar naveen
Dist- mahasamund (C.G)
आब-ए-तल्ख़ छलक
ही जाता है जनाब क्यू..
जब कोई प्यार को एक
हादसा समझ भूल जाए..
© premyad kumar naveen
Dist- mahasamund (C.G)