आप और जीवन के सच
सच तो जीवन में कुछ नहीं है बस जन्म बचपन जवानी अधेड़ और बुढ़ापा और मृत्यु सभी सच है और हम अकेले दुनिया में आते हैं और अकेले ही दुनिया से जाते हैं….. जन्म लिया न पता कौन माता पिता बचपन शुरू देखा बताया यह मां पिता और फिर रिश्ते हम पहचानते हैं जवानी में इश्क मोहब्बत चाहत शुरू होती हैं भाग्य और पुरुषार्थ का सहयोग धन संपत्ति जोड़ने और मोह माया के साथ चल फरेब और धोखें ऐसे करते हुए परिवार का यापन और फिर जिम्मेदारी निभाते हैं और अधेड़ दम्पत्ति फिर मोह माया बंधन सुख दुःख और फिर अकेले और अन्ततः मृत्यु होती हैं। बस जिंदगी जीवन (life) यही संक्षिप्त है। और जीवन में हम सभी मन भावों पर ही जीवन जीते हैं।
ऐसे ही आप और हम जीवन के सच में नीलेश एक सोफ्टवेयर शिक्षक संपन्न परिवार से था। और जीवन में एक आधुनिक सोच के साथ जीवन और जीने अलग अंदाज़ थे। वह सभी को मानवता के दृष्टिकोण से समझता था। और जीवन में नारी का सम्मान करता था। क्योंकि उसने एक अनाथालय में जीवन गुजारा था रिश्तों के संसार में वह अकेला था। बस समय ने करवट ली और उसके भी जीवन में रजनी ने दस्तक दी एक आधुनिक विचारों के साथ उसके मन भावों में प्रेम एक अनुभूति और शारीरिक संबंध एक खेल और फिटनेस का मंथन था। परन्तु नीलेश तो रिश्ते और हक़ीक़त में शारीरिक संबंध की समझ भी न रखता था। एक ही प्रोजेक्ट में काम कर रहे के साथ साथ रजनी और नीलेश एक दूसरे के करीब आने लगे जहां नीलेश भोला और निस्वार्थ वहीं रजनी छल फरेब और स्वार्थ से जुड़ी थी।
एक दिन नीलेश को रजनी अपने घर खाने का निमंत्रण देती हैं उस दिन रजनी के परिवार कहीं बाहर गये होते हैं उस दिन रजनी घर में अकेली होती है और नीलेश रजनी के घर पहुंच जाता हैं रजनी पतले नाईट गाऊन में घर का दरवाजा खोलती हैं नीलेश उसकी मस्त और गदराए बदन को देख भौंचक्का रह जाता हैं उसने जीवन में पहली बार किसी नारी के शरीर को कपड़ों में नग्न अवस्था देखी कि इतने पतले कपड़े की अंतःवस्त्र साफ नजर आ रहे थें। नीलेश को रजनी अंदर ले जाती हैं और पूछतीं हैं जनाब चाय काफ़ी या कुछ और लेंगे नीलेश हिचकिचाते हुए जो आप चाहो। और सोफे पर बैठ जाता हैं। बस नीलेश के बैठते ही रजनी लड़खड़ाते हुए नीलेश की बाहों में जानबूझकर गिरती हैं और नीलेश के हाथ सम्हालते हुए उसके वक्ष से छु जाते हैं। नीलेश सॉरी अरे क्या हुआ रजनी उसके गले में हाथ डालकर कहती हैं और नीलेश को हाथ पकड़कर रजनी बेडरूम में ले जाती है और फिर वो सब कुछ हो जाता है जिसे रजनी की जरूरत है और नीलेश भी जीवन में पहली बार नारी के बदन को पहचानते हुए जीवन को समझता है और फिर नीलेश रजनी को एक बार अपनी इच्छा से हमबिस्तर की इच्छा जताता है और फिर रात से सुबह कब होती हैं दोनों को मालूम नहीं होता है और नीलेश और रजनी दोनों आफिस के लिए निकलते हैं। अब नीलेश के आफिस में एक नया मैनेजर नीरज आते हैं और रजनी नीरज की सेक्रेटरी बनती हैं और इधर नीरज से केबिन में रंगरलियां और बाहर नीलेश से संबंध रखकर रजनी दोनों के साथ खेलती हैं। और एक दिन नीलेश अचानक नीरज के केबिन में नीरज और रजनी को हमबिस्तर हालत में देखकर लौट जाता हैं और नीलेश रजनी को सच कहता हैं तब रजनी कहती हैं तुमने मुझे देखा और नीरज को जो शादीशुदा और बच्चों वाला है वह तब नीलेश जीवन जिंदगी के सच यही है हम शरीर को उसके लिए मस्त रहने दें अगर तुमने देखा तो वहीं मस्ती। तुमने भी मेरे साथ हमबिस्तर हुए हो तब एक के मन की सोच है आज न जाने पुरुष पर नारी से शारीरिक संबंध बना कर भी सच रहता है तब नारी ऐसा क्यों नहीं कर सकती बताओं। इस बात से नीलेश निरूतर हो जाता हैं और रजनी को गले से लगा कर कहता है शायद तुम सही हो।
कुछ दिन बाद रजनी मां बनने वाली हैं यह बात नीलेश को कहती हैं और नीलेश रजनी की मांग भर देता है रजनी भी खुश हो जाती हैं। और नीरज रजनी को केबिन में बुलाता है और रजनी के साथ फिर हमबिस्तर होता हैं और रजनी अब और भी ज्यादा मस्त हो रही थी। नीरज नीलेश को बुलाता है रजनी केबिन में दो कपड़ों में पेट से भी और सुंदर लग रही थी। नीरज केबिन से बाहर चला जाता हैं और नीलेश और रजनी भी हमबिस्तर होते हैं। तब रजनी कहती हैं नारी को महान पुरुष ही बनता हैं। बस तुम जानते हो और बहुत से नारी पुरुष फरेब से जीवन जीते हैं आप और हम जीवन के सच में सभी नारी का शोषण चाहते हैं बुरा नहीं है बस हम समझदार बने और एक-दूसरे को सहयोग और समझे।
कुछ माह बाद रजनी एक लड़की को जन्म देती हैं और जीवन खुशियों से महकने लगता है नीलेश और रजनी भी अब जीवन में खुशियों के साथ चलने लगते हैं। बस आप और जीवन के सच तो समझ और समझौता है।
आज हम आप और हम जीवन के सच में नीरज रजनी और नीलेश के पात्र या किरदार में सभी के अपने विचार और मन भाव है बस रजनी का सच यह है कि वह आधुनिक समय और समाज में नारी है और वह मन भाव में बंध कर या अपनी जिंदगी की स्वतंत्रता नहीं ख़त्म करना चाहतीं हैं और वह नीलेश से संबंध रखकर कहती हैं पुरुष अगर परनारी से संबंध रखकर पुरुष समाज में रह सकता है तब नारी को परपुरुष संबंध बनाने पर वह नारी क्यों नहीं है। आज आधुनिक समय में सभी की अपनी जिंदगी और इच्छाएं हैं। तब नारी को भी समझे और उसे भी जीवन में स्वतंत्रता का सहयोग मिले।