आपकी मुस्कुराहट बताती है फितरत आपकी।
इक सीने में आस लिया था।
कोई है आया।
जब उसने टॉप किया था।
मेडल पहनाया।
इस जमाने पर रहा न भरोसा हमें।
जिसे पानी पिलाया था।
उसी ने जलाया हमें।
नाम का असर पड़ता है।
हमने यह भी सुना था।
जिसका नाम था लक्ष्मी।
उसी ने कंगाल बनाया हमें।
नाम था जिसका प्रेमलता ।
उसी ने नफरत फैलाया कौम में।
जाना हैं तो चले जाओ।
कोई जोर न जबरदस्ती है।
ये जिंदगी चार दिनों की हस्ती है।
कोई आता है कोई जाता है।
यह तो जिंदगी में लगी रहती है।
सोचो जरा उस गुरु के बारे में।
जो समझते थे उसे छात्र होनहार में।
क्या डूब गए वो खुद के गुरुर अहंकार में।
लगता है वो हमसे इतराने लगे है।
जो कल तक मुस्कुराते थे नजरे मिलाकर।
वो अब तो नजर चुराने लगे है।
वो क्या थे और क्या खुद को दिखाने लगे है।
अब तो वो हमारे ही गली से दूर जाने लगे है।
किसी से हो जाता है लगाव।
जब वो छोड़कर जाता है ।
तो लगती है हृदय पर इक घाव।
बदलने लगे है अब तो उनके हाव भाव।
कहें आनंद इस जिंदगी ने रुलाया है बहुत।
क्योंकि इस जिंदगी का नाम ही है कभी धूप और छांव।