आधुनिक द्रोणाचार्य : रमाकांत आचरेकर
भारतरत्न सचिन तेंदुलकर ने गुरु पूर्णिमा के सुअवसर पर तीन गुरुओं की याद किये, पहले प्रोफेसर पिता रमेश तेंदुलकर को, दूसरे कोच रमाकांत अचरेकर को, तीसरे बड़े भाई अजीत तेंदुलकर को । ज्ञात हो, उनके क्रिकेट गुरु और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित पद्मश्री रमाकांत विठ्ठल अचरेकर का जन्म 1932 को मालवण, बम्बई में हुआ था, जिनकी मृत्यु लम्बी बीमारी के बाद 2 जनवरी 2019 को हो गई। वह दादर, मुंबई के शिवाजी पार्क में युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध रहे, खासकर भारतरत्न सचिन तेंदुलकर और बिनोद काम्बली जैसे क्रिकेटरों को निर्माण करने के लिए । वे मुंबई क्रिकेट टीम के लिए भी चयनकर्ता रहे।
भारत सरकार ने 2010 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया था । वर्ष 1990 में उन्हें क्रिकेट कोचिंग में अपनी सेवाओं के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया । तारीख 12 फरवरी 2010 को उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन द्वारा ‘जीवन भर के अचीवमेंट’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड द्वारा खेल में विभिन्न विधाओं के लिए दिए गए पुरस्कारों का हिस्सा था। भारतरत्न सचिन तेंदुलकर सहित कई क्रिकेट हस्तियाँ इनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे।