आदमी को जिंदगी में कुछ कमाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीतिका)
आदमी को जिंदगी में, कुछ कमाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
आदमी को जिंदगी में, कुछ कमाना चाहिए
पर कमाना चाहिए क्या, यह तो आना चाहिए
2
रत्न-सोना और चॉंदी, सिर्फ धन होता नहीं
मोल मिट्टी-राख का भी, तो लगाना चाहिए
3
नाम में प्रभु के सुना है, शक्ति है सारी छिपी
नाम का गुणगान सबको, मिल के गाना चाहिए
4
एक दिन पा जाओगे, नौका सदृश प्रभु-नाम को
बस सरस रसधार से, उसको लुभाना चाहिए
5
जो मिली है शक्तियॉं, समझो अमानत-मात्र हैं
ज्यों कमल को जल नहीं, उनको निभाना चाहिए
6
एक दिन लेकर तुम्हें, डूबेगी लालच की बला
पाप की गठरी न यह, सिर पर चढ़ाना चाहिए
7
चार दिन की जिंदगी में, तीन दिन तो जा चुके
अब न अंतिम एक दिन को, यों गॅंवाना चाहिए
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451