आदत से मजबूर
बातें चाहे
लाख मीठी कर लो
पीठ पीछे
वह उसमें जहर तो घोलेंगे
खाना चाहे कितनी मेहनत से ही
क्यों न बनाया हो
आंख बचाकर
दबे पांव रसोईघर में जाकर
वह उसमें नमक मिलाकर
उसको बेस्वादा तो करेंगे
नीम के पत्ते
कड़वे ही होते हैं
हर कोई होता अपनी आदत से
मजबूर
जितना चाहे अच्छा व्यवहार
कर लो
वह गालियों की बौछार
और सामने पड़ने पर
तुम्हारी पिटाई तो अवश्य ही करेंगे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001