” आतंक “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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बच्चों के रक्तों से
लिप्त
ललाट हो रहा ,
मानवता
चहू ओर
कम्पित हो रहा ,
मर रहे निरीह
लोग
बंदूकों की नोक पर,
डूब कर
रह गये
आज अपने शोक पर,
बिछड़ गए
बंधू -बांधव
शरणार्थी कुछ बन गये ,
विध्वंश
हो गयी मानवता
लोग कम्पित हो गये,
पर हम
नहीं पीछे हटेंगे,
आतंकियो से
हम लड़ेंगे ,
पौरुषता ने हमको सिखाया
पाठ लड़ने का बताया !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत