आज सत्य को जानने का अवसर।
सत्य को जानने के लिए स्वयं के अंदर डूबने के अलावा कोई विकल्प नहीं, आज अवसर है शिव सूत्र में प्रवेश करने को, इसीलिए स्वयं को जानना सबसे उत्तम कार्य।
कोई प्रश्न हो तो आप पूछ सकते है बिना हिचक के, ध्यान बस साधना नहीं, ध्यान तो स्वयं में डूबने का हथियार है, स्वयं को आप कितना भी मान के चले तब तक सार्थक नहीं जब तक आप स्वयं को सत्य के साथ मिलते नहीं, स्वयं आप जान सकते है, मैं रास्ता बता सकता हु पहुंचना तो आपको होगा, मैं बस दिखा सकता हु देखना तो आपको है, आंखे बंद है अभी दिक्कत होता होगा आंख खोलने में ज्ञान का चश्मा जो है अभी, अहंकार हो रहा होगा, की इसे कैसे मान ले, मैं भी तो यही कह रहा हु, मानो नहीं बस जानो, जानते रहो, अंत में ऐसा समय आएगा की बस होने का मन होगा, अंत वही बस होना बस आकाश बना रहना, देखना स्वयं को, स्वयं को परमात्मा से मिलाना, आप कर्म कर रहे है कर्म करिए, बस उसमे थोड़ा जागरूकता ले आए, आप चकित हो जायेंगे असर देख के, हां बच्चे थोड़ा दूर रहे , जिसे भय है की क्या होगा, आप को डरने की आवश्कता नहीं, आप बस कदम बढ़ाओ, परमात्मा आपको अपने ओर खीच लेंगे हाथ दिए है भगवान अपना बस पकड़ने की देरी है, ।
आप धार्मिक है कोई बात नहीं, आप बुद्धिमान है कोई बात नहीं आप तर्क करें, आप सिर्फ कर्म करते है कोई बात नहीं करते रहे बस पूर्ण मन से, तीनो जगह आपको सफलता मिलेगा, बस जागरूकता को अपना मित्र बना ले, और ध्यान को परिवार, सब में फिर आप सक्षम हो जायेंगे।
धन्यवाद।
रविकेश झा।