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19 Aug 2020 · 1 min read

आज मेरी तस्वीर

आज मेरी तस्वीर रो रही थी
शायद वो करवट बदल कर सो रही थी
भूल चुकी थी अपना वादा,
जो कभी किया था उसने
तस्वीर लगा कर सीने से
मोहब्बत का अहसास दिया था उसने
मगर आज मेरी पलकें
बारिश भिगो रही थी
शायद वो करवट बदल कर सो रही थी
एक वक़्त नजर उसकी
ना हटती थी तस्वीर से
ये मेरी है बस मेरी है
यही कहती दिल से और ज़मीर से
मगर आज कहीं गैर बाहों में
वो चुपके से खो रही थी
शायद इसीलिए वो करवट बदल कर सो रही थी
…भंडारी लोकेश✍️

5 Likes · 2 Comments · 614 Views
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