Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2024 · 1 min read

आज मन उदास है

आज मन उदास है
रिक्त हृदय
अभिलाषाओं से
मुक्त नहीं हो पाया
मन को छलते-छलते
इसने दर्द बहुत हीं पाया
अनगिन झूठी बातों पर भी
सहज किया विश्वास है
आज मन उदास है…

1 Like · 126 Views
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

” बारिश की बूंदें
” बारिश की बूंदें "
ज्योति
रिश्तों में वक्त नहीं है
रिश्तों में वक्त नहीं है
पूर्वार्थ
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
मुँहतोड़ जवाब मिलेगा
मुँहतोड़ जवाब मिलेगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुन रे कन्हैया
सुन रे कन्हैया
Dr.sima
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
My Bird
My Bird
Bindesh kumar jha
"बचपन के गाँव"
Dr. Kishan tandon kranti
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*Broken Chords*
*Broken Chords*
Poonam Matia
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कोशिशें हाथ
कोशिशें हाथ
Dr fauzia Naseem shad
*कहां किसी को मुकम्मल जहां मिलता है*
*कहां किसी को मुकम्मल जहां मिलता है*
Harminder Kaur
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
gurudeenverma198
ग्रीष्म ऋतु
ग्रीष्म ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
माँ अपने बेटे से कहती है :-
माँ अपने बेटे से कहती है :-
Neeraj Mishra " नीर "
- जिंदगी में राहगीर तुझको जिए जाना है -
- जिंदगी में राहगीर तुझको जिए जाना है -
bharat gehlot
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
Shubham Pandey (S P)
आल्हा छंद
आल्हा छंद
seema sharma
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
प्रश्नों का प्रासाद है,
प्रश्नों का प्रासाद है,
sushil sarna
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
DrLakshman Jha Parimal
एक उलझी किताब है जीवन
एक उलझी किताब है जीवन
पंकज परिंदा
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
Mahender Singh
बेवफ़ाई
बेवफ़ाई
Dipak Kumar "Girja"
नई कविता
नई कविता
सरिता सिंह
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...